Divya Bharti Death Anniversery:बॉलीवुड की चमक-धमक भरी दुनिया में कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जो अल्प समय में ही अमर हो जाते हैं। दिव्या भारती उन्हीं में से एक नाम हैं — एक सितारा जो बहुत जल्दी अस्त हो गया, लेकिन जिसकी चमक आज भी आंखों में बसती है। 5 अप्रैल 1993 को महज़ 19 साल की उम्र में दिव्या इस दुनिया से विदा हो गईं, लेकिन उनके को-स्टार और सुपरस्टार शाहरुख़ खान आज भी उन्हें दिल से याद करते हैं।
जब शाहरुख़ और दिव्या पहली बार मिले
आज Divya Bharti Death Anniversery के दिन शाहरुख़ खान ने बताया कि 1992 में रिलीज़ हुई दीवाना से शाहरुख़ खान ने बॉलीवुड में कदम रखा था। फिल्म में उनके साथ थीं दिव्या भारती — उस वक्त की सबसे उभरती हुई अदाकारा, जिनकी मासूमियत और ऊर्जा ने दर्शकों का दिल जीत लिया था। शाहरुख़ ने एक पुराने इंटरव्यू में उन्हें याद करते हुए कहा,
“मैं खुद को एक गंभीर कलाकार मानता था, लेकिन दिव्या एक सनकी, मस्त-मौला लड़की थी। वो स्क्रीन पर ही नहीं, असल ज़िंदगी में भी एक अलग ही चमक लिए हुए थी।”
सी रॉक होटल की वो मुलाकात
शाहरुख़ ने एक बेहद मार्मिक किस्सा साझा किया जब उन्होंने दीवाना की डबिंग सी रॉक होटल में पूरी की थी।
“मैं होटल से बाहर निकला और उसे नमस्ते कहा। उसने मेरी तरफ देखा और बोली — ‘तुम सिर्फ़ एक अभिनेता नहीं हो, तुम एक संस्था हो।’
मैं स्तब्ध रह गया… फिर मैंने जाकर उस कहावत का मतलब ढूंढा और जाना कि यह कितनी बड़ी बात है।”
दिव्या की अचानक मौत — एक गहरा सदमा
5 अप्रैल 1993 को जब शाहरुख़ दिल्ली में थे, तब उन्हें एक ऐसा सदमा मिला जिसने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया।
आज Divya Bharti Death Anniversery के दिन शाहरुख ने बताया कि “मैं सो रहा था और टीवी पर मेरा गाना ‘ऐसी दीवानगी’ बज रहा था। मुझे लगा कि मैं एक स्टार बन गया हूँ। लेकिन सुबह उठकर देखा तो खबर आई — दिव्या की मौत हो गई है। वो बालकनी से गिर गई थी। मुझे लगा कि मेरे साथ उनकी एक और फिल्म होनी चाहिए थी। ये मेरे लिए बहुत बड़ा सदमा था।”
एक चमकता सितारा जो बुझ गया
दिव्या भारती ने बेहद कम उम्र में फ़िल्म इंडस्ट्री में जो मुकाम हासिल किया, वह आज भी प्रेरणा देता है। उन्होंने नीला पेन्ना से तमिल फिल्मों में शुरुआत की और 1992 में विश्वात्मा के “सात समुंदर पार” गाने से सबकी नज़रों में आ गईं। सिर्फ एक साल में उनकी 12 फ़िल्में रिलीज़ हुईं, और उन्हें दीवाना के लिए फिल्मफेयर लक्स न्यू फेस ऑफ द ईयर अवॉर्ड मिला।
आज Divya Bharti Death Anniversery पर उनकी आखिरी पूरी फिल्म की बात करें तो वो क्षत्रिय थी, लेकिन उनके निधन के बाद शतरंज, रंग और थोली मुधु जैसी फिल्में रिलीज़ हुईं, जो उनकी अभिनय क्षमता का प्रमाण हैं।
आज भी दिलों में ज़िंदा है दिव्या
इतने साल बाद आज Divya Bharti Death Anniversery पर शाहरुख़ खान ने कहा की आंखों में जब दिव्या की बात आती है, तो चमक के साथ एक टीस भी होती है। उनकी बातें एक दोस्त, एक कलाकार और एक इंसान की सच्ची श्रद्धांजलि हैं —
“मैं आज भी उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ।”
दिव्या भारती: कम समय में अपार सफलता की कहानी
आज Divya Bharti Death Anniversery पर हम दिव्या भारती के फिल्मों के बारे में बता रहे हैं उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत वर्ष 1990 में तेलुगु फिल्म बोब्बिली राजा से की थी। प्रारंभिक दौर में उन्हें कम महत्व वाली भूमिकाएँ मिलीं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। हिंदी सिनेमा में उन्हें असली पहचान फिल्म विश्वात्मा से मिली, जिसका मशहूर गीत “सात समुंदर पार” आज भी दर्शकों के दिलों में बसा है। वर्ष 1992 तक भारती ने खुद को बॉलीवुड की एक सफल अभिनेत्री के रूप में स्थापित कर लिया था। शोला और शबनम जैसी फिल्मों में उनके नाटकीय और निडर किरदारों ने उनकी बहुआयामी प्रतिभा को उजागर किया। रोमांटिक फिल्म दीवाना में उनके प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार भी मिला। मात्र 19 वर्ष की आयु तक उन्होंने 14 हिंदी और 7 दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम कर लिया था, जो उनकी मेहनत और लगन को दर्शाता है। अपने छोटे से करियर में भी भारती ने मुख्यधारा के सिनेमा में एक सशक्त उपस्थिति दर्ज की। उनकी अंतिम फिल्में रंग और शतरंज थीं, जो उनके दुखद और रहस्यमयी निधन के बाद वर्ष 1993 में रिलीज़ हुईं। भारती भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादगार फ़िल्में और अभिनय आज भी उन्हें अमर बनाए हुए हैं।
दिव्या भारती भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका चेहरा, उनकी मुस्कान और उनका काम — सब कुछ आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा है। उन्होंने जो छोड़ा, वो सिर्फ फिल्में नहीं थीं, बल्कि एक यादें थीं — एक “संस्था” की यादें। और आज Divya Bharti Death Anniversery पर हम उनके लिए दिल से दुआ करते हैं कि वों जहॉं भी हैं हमेशा सुखी रहें और हमारे दिल में यूंही जिंदा रहें।